बोल बम शायरी

सावन का महीना शुरू हो गया है कांवरिया लोग भगवान भोले बाबा का दर्शन करने जा रहे हैं. इसलिए हमने कुछ बेहतरीन बोल बम शायरी आप लोगों के लिए साझा किए हैं. इसमें आपको बेहतरीन से बेहतरीन शिव जी के ऊपर बोल बम शायरी बोल बम स्टेटस पढ़ने के लिए मिलेगा.

आप इन शायरी का यूज़ अपने व्हाट्सएप स्टेटस और व्हाट्सएप पर स्टोरी या फिर सोशल मीडिया पर शेयर करने के लिए कर सकते हैं. भोले बाबा के भक्त सावन के महीने में काफी ज्यादा बोल आवास मिलने के लिए बेचैन रहते हैं, और उनकी प्रार्थना में मगन रहते हैं और वह अपने मोबाइल के वॉलपेपर पर भी भोले बाबा सारी लगाना चाहते हैं. इसलिए हमने इस पोस्ट के अंदर अच्छा-अच्छा शिव जी का शायरी जो की कावड़ वालों को काफी पसंद आएगा.

bol bam shayari

मस्तक सोहे ‪चन्द्रमा‬, गंग ‪‎जटा‬ के बीच,
श्रद्धा‬ से ‪‎शिवलिंग‬ को, निर्मल जल मन से सीच।

विश्व का कण कण शिव मय हो
अब हर शक्ति का अवतार उठे
जल थल और अम्बर से फिर
बम बम भोले की जय जयकार उठे।

नाच रहे ड़मरू की ताल पर शिवशंम्भु,
त्रिशुलधारी गंगाधर बाबा महाकाल सर्वेशु।

मर-मर के तू लाख जन्म ले ले,
हाथ में तेरे राख भी ना आयेगा।
आरंभ तेरा तुझसे है,
अंत में तू महाकाल के पास जायेगा।

जिनके रोम रोम में शिव हैं
वही विष पिया करते हैं
जमाना उन्हे क्या जलाएगा
जो श्रृंगार ही अंगार से किया करते हैं।
जय भोलेनाथ, शिव शम्भू

भोलेनाथ के भक्त हैं, इसलिये भोलेनाथ  का पास रुकती हो 
पर स्मृति रखना कभी-कभी हम तांडवप्रिय करना भी जानते हैं।

शव हूँ मैं भी शिव बिना,
शव में शिव का वास,
शिव मेरे आराध्य हैं,
मैं हूँ शिव का दास।

धन्य धन्य सिवा संभू तुम्हारी, कोडी नही खजाने में,
तीन लोक बसती में बसा कर, आप रहे बीराने में।

यह कैसी घटा छाई हैं
हवा में नई सुर्खी आई है
फ़ैली है जो सुगंध हवा में
जरुर महादेव ने चिलम लगाई है।

नाच रहे ड़मरू की ताल पर शिवशंम्भु,
त्रिशुलधारी गंगाधर बाबा महाकाल सर्वेशु।

ना जीने की खुशी, ना मौत का गम,
जब तक हैं दम, महादेव के भक्त रहेंगे हम।

शव हूँ मैं भी शिव बिना, शव में शिव का वास,
शिव मेरे आराध्य हैं, मैं हूँ शिव का दास ॥

जिनके रोम-रोम में शिव हैं, वहीं विष पिया करते हैं,
जमाना उन्हें क्या जलायेंगा, जो श्रृंगार ही अंगार से करते हैं।

कोई दौलत का दीवाना, कोई शोहरत का दीवाना,
शीशे सा मेरा दिल, मैं तो सिर्फ महादेव का दीवाना।

जब ज़माना मुश्किल में दाल देता हैं,
तब मेरे भोले हज़ारों रास्ते निकाल देता हैं।

बाबा महाकाल के भक्त हैं, हर हाल में मस्त हैं
जिंदगी एक धुँआ हैं, इसलिए हम चिलम मैं मस्त हैं।

ॐ नमः शिवाय
कर्ता करे न कर सके, शिव करे सो होय|
तीन लोक नौ खंड में,
महाकाल से बड़ा न कोय..
जय श्री महाकाल

जिसका मुझे सदा ही रहा इंतज़ार हैं।
वो एक भोला और एक सोमवार हैं।

ना जीने की खुशी,
ना मौत का गम,
जब तक हैं दम,
महादेव के भक्त रहेंगे हम।

सब बादल जाति ही जब कावड़िया जल चड्ढा देती है
 जिंदगी धन्य हो जाति वह जब महादेव प्रसन्न होता है

कैसे कह दूँ कि मेरी हर दुआ बेअसर हो गयी,
मैं जब जब भी रोया, मेरे भोलेनाथ को खबर हो गयी।

यह तेरा करम था की तूने मुझे अपना दीवाना बना दिया,
मैं खुद से था पराया तूने अपना बना लिया।

महादेव तेरे बगैर सब व्यर्थ हैं मेरा,
मैं शब्द तेरा, तू अर्थ हैं मेरा।।

मैं चलता गया रास्ते मिलते गए
रास्ते के कांटे फूल बनकर खिलते गए,
यह आशीर्वाद है भोलेनाथ का वरना
उसी राह पर लाखो फिसलते गए.

ही शौक रखते है पर बैमिसाल रखते है,
हालात कैसे भी हो
फिर भी जुबां पर हमेशा “जय महाकाल” रखते है

बिगड़ा नसीब भी संवर जाता है,
बंद किस्मत का ताला खुल जाता है
अँधेरो में भी खुला दरवाजा नजर आता है,
 जो सर महादेव के चरणों में झुक जाता है

विश्व का कण कण शिव मय हो
अब हर शक्ति का अवतार उठे
जल थल और अम्बर से फिर
बम बम भोले की जय जयकार उठे

भक्ति में है शक्ति बंधू,
शक्ति में संसार है,
त्रिलोक में है जिसकी चर्चा
उन शिव जी का आज त्यौहार है
सावन के सोमवार की बधाई

चिलम के धुएं में हम खोते चले गए,
बाबा होश में थे और मदहोश होते चले गए…
जाने क्या बात है महादेव के नाम में,
न चाहते हुए भी उनके होते चले गए…
जय महाकाल

भगवान शिव पर शायरी
नाच रहे ड़मरू की ताल पर शिवशंम्भु,
त्रिशुलधारी गंगाधर बाबा महाकाल सर्वेशु

हेसियत मेरी छोटी है पर मन मेरा शिवाला है
करम तो मैं करता जाऊंगा
क्योकि साथ मेरे डमरूवाला है…..
ॐ नमः शिवाय

अकाल मृत्यु वो मरे जो काम करे चांडाल का
काल भी उसका क्या करे जो भक्त हो महाकाल का
जय महाकाल……

भले ही मुर्ति बनकर बैठे है, पर मेरे साथ खड़े है
आये संकट जब भी मुझ पर, मुझ से पहले मेरे भोलेनेथ लड़े है ।
🐍हर हर महादेव🐍
🚩जय महाकाल🚩

बेसन की रोटी, नींबू का अचार,
दोस्तों की खुशी, अपनों का प्यार…
सावन की बारिश किसी का इतंजार
मुबारक हो आपको, शिव सावन सोमवार..

बदन मेरा मिट्टी का………
साँसे मेरी उधार है……
घमंड करो तो किस बात का!
हम सब उसके ही तो किराएदार है!!
🕉🔱हर हर महादेव🔱🕉

मुहब्बत ऊ बारिश हअ ..
जेके छूवे के कोशिश में ..
हथवा त गीला हो जाय़ेला .. !
आऊर अखिय़ो नम रहेला..
बाकि हाथ फिर भी खालीय़े रहेला.. !!

नींद छुपेले जहाँ पे ,
ख्वाब सजेले जहाँ पे !
खबर ई आईल बा उहां से ,
कि केहू तोहरे जइसन नाहीं !!.

तू रूठ जइबू त हम जीयब कईसे !
फाटल करेजवा के सीयब कईसे !
तूही त हउ हमार सोना के सुराही !
तुही फूट जइबू त पनिया पियब कईसे !!

शिव की ज्योति से नूर मिलता है
सबके दिलो को सुरूर मिलता हैं…
जो भी जाता है भोले के द्वार
कुछ न कुछ ज़रूर मिलता हैं…

शिव की महिमा अपरंपार,
शिव करते सबका उद्धार,
उनकी कृपा हम सब पर सदा बनी रहे,
और भोलेशंकर हमारे जीवन में खुशी ही खुशी भर दें..
ओम नम: शिवाय!

हे शिवशंकर, हे भोलेनाथ,
जीतेंगे हम हर बाजी, बस देना हरपल साथ।

आता हूँ महाकाल तेरे दर पे, अपना शिर्ष झुकाने को,
100 जन्म भी कम हैं भोले, अहेसान तेरा चुकाने को।

ॐ त्र्यम्बकम् यजामहे सुगन्धिम्पुष्टिवर्धनम्,
उर्वारुकमिव बन्धनात् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात।।

इस मौसम में ठंड उनको लगेगी,
जिनके कर्मों में दाग है।
हम तो महाकाल के भक्त हैं,
भैया हमारे तो मुंह में भी आग है।
जय भोलेनाथ

ऊँ नमः शिवाय शब्द में सारा जग समाए,
हर इच्छा पूरी कर जाएँ भोले बाबा वो कहलाएँ।

ना पूछो मुझसे मेरी पहचान,
मैं तो भस्मधारी हूँ,
भस्म से होता जिनका श्रृंगार,
मैं उस भोलेनाथ का पुजारी हूँ।

शव हूँ मैं भी शिव बिना,
शव में शिव का वास,
शिव मेरे आराध्य हैं,
मैं हूँ शिव का दास

दुनिया की हर मुहब्बत मैने, स्वार्थ से भरी पायी हैं,
पवित्र प्यार की खुशबू सिर्फ मेरे महादेव के चरणों से आयी हैं।

हर ओर शिवम सत्यम सुन्दरम हर दिशा में हर हर है! जड़ चेतन में अभिव्यक्त सतत कण कण में शिव संकर हैं।

अगर तू धुप में है तो महादेव जरूर तेरा छाया बनेंगे, सच्चे दिल में रख महादेव को, वो तेरे सारे कस्ट का सफाया करेंगे।

मर-मर के तू लाख जन्म ले ले,
हाथ में तेरे राख भी ना आयेगा।
आरंभ तेरा तुझसे है,
अंत में तू महाकाल के पास जायेगा।

जिनके रोम रोम में शिव हैं
वही विष पिया करते हैं
जमाना उन्हे क्या जलाएगा
जो श्रृंगार ही अंगार से किया करते हैं।
जय भोलेनाथ, शिव शम्भू

शव हूँ मैं भी शिव बिना,
शव में शिव का वास,
शिव मेरे आराध्य हैं,
मैं हूँ शिव का दास।

भांग से सजी हैं सूरत तेरी, करू कैसे इसका गुणगान,
जब हो जायेगी आँखे मेरी भी लाल तभी दिखेगे महाकाल।

तन की जाने, मन की जाने, जाने चित की चोरी,
उस महाकाल से क्या छिपावे जिसके हाथ हैं सब की डोरी।

हम ‪‎महादेव‬ के दीवाने हैं तान के ‪सीना‬ चलते हैं,
ये महादेव का जंगल हैं, यहाँ शेर ‪महाकाल‬ के पलते हैं।

तमनाओं की महफ़िल तो हर कोई सजाता हैं, मगर पूरी उसकी ही होती हैं जिसके सर पर भोलेनाथ का हाथ होता हैं।

ना जाने किस भेष में आकर काम मेरा कर जाता हैं, मैं जो भी माँगू मेरा महादेव वो मुझको चुपके से दे जाता हैं।

वही सुखी, वही निराला, वही किस्मत वाला,
जिसका देवो के देव महादेव हो रखवाला।

महादेव शायरी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *