भारतीय किसान आंदोलन शायरी

देखिए आज देश में किसान की हालत समझने वाला कोई नहीं हैं देश का किसान आज अपनी कुछ मांगें लेकर सरकार से बिनती कर रही हैं जो की देश के हित में है।  पर किसान का दर्द कोई नहीं समझता। 

इस पोस्ट के माध्यम से हम किसान आन्दोलन शायरी शेयर कर रहे हैं.जिसमे आप को kisan shayari पढ़ने के लिए मिलेगा। 

kisan andolan shayari

किसान एकता जिंदाबाद

सोई सरकारों को किसान की ताकत दिखानी होगी,
हर राज्य में किसान आन्दोलन की ज्योति जगानी होगी.

भ्रष्टाचारी सरकारें सत्ता से भगाई जायेगी,
किसानों की सोई हुई किस्मत जगाई जायेगी.

किसानों का हाल हमेशा बदहाल होता है,
सरकार कोई भी हो सिर्फ बवाल होता है.

किसानों की हालत देखकर जो गुस्से से फूल जाते है,
नेता, विधायक, मंत्री बनने के बाद किसानों को भूल जाते है.

सरकारें वादें पर वादा कर रही है,
फिर भी किसानों को हालत बिगड़ रही है.

जब किसान रौद्र रूप में सड़क पर आता है,
तो एक दिन सत्ता को भी सड़क पर लाता है.

सरकार आप किसकी तरक्की की बात कहते है,
हकीकत में अब किसान के बेटे किसान नही बनते है.

सरकारी वादों का कद बढ़ाया जा रहा है,
शिक्षा और स्वास्थ्य को बदतर बनाया जा रहा है.

किसान के बेटे जल्दी ही बड़े हो जाते है,
क्योंकि वे अपने बचपन की ख्वाहिशों को मार देते है.

जिस तरह बाजार में अनाजों का कोई भाव नही है,
शायद सियासत की नजर में किसान का भी कोई भाव नही है.

किसान ही तो भारत देश की शान है,
फिर ठंड में सड़कों पर क्यों परेशान है?

ठंड में ठिठुरते किसानों की आह खाली न जायेगी,
सत्ता को उखाड़ फेकेंगे, झूठी वहम पाली न जायेगी.

जब किसान की भृकुटी तन जाती है,
बड़ी-बड़ी ताकतवर सत्ता ढह जाती है.

सरकार जब किसानों को सताती है,
तब जनता ऐसी सरकारों को हराती है.

किसान खेत में अच्छे लगते है,
अगर सड़क पर आ जाएं तो
सरकार की सबसे बड़ी नाकामयाबी लगती है.

भ्रष्टाचारी सरकारें पाली न जायेगी,
किसानों की आह खाली न जायेगी.

किसान अगर आंखों में आंसू लिए धरने पर है,
तो सत्तासीन सरकारें जान लें कि गद्दी खतरे में है.

किसी को पता नही कितना किसानों का हाल बेहाल है,
सरकार कागजी तरक्की से खूब खुशहाल है.

किसानों की तरक्की में जो अवरोध करेगा,
किसान मरते दम तक उसका विरोध करेगा.

कृषि कानूनों को इतना बेहतर बनाएं,
कि सड़कों पर कभी गरीब किसान न आएं.

किसानो के चेहरे पर जो झुर्रियाँ है,
वही भारत के तरक्की की सुर्खियाँ है.

किसानों की राह में आने वाली बाधाएं दूर होनी चाहिए,
कृषि क्षेत्र से जुड़ा हर भ्रष्टाचार दूर जरूर होना चाहिए.

वह पार्टी कभी नही सत्ता में आएगी,
जो किसानों के हक की सुरक्षा नही कर पायेगी.

वह सरकार टिक नही पायेगी,
जो किसानों का हित नही चाहेगी.

अहंकारी सत्ता को डर सतायेगा,
जब पूरे देश का किसान अपनी ताकत दिखायेगा.

जब सत्ता अहंकार के नशे में चूर हो जाता है,
तब किसान आन्दोलन करने को मजबूर हो जाता है.

हकीकत में किसान ही इस देश को चलाते है,
वही खाने को अनाज देते है, वही चुन कर सरकार देते है.

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