शायरी गुरु

आप इस पोस्ट में शायरी गुरु एटीट्यूड स्टेटस पढ़ेंगे. इसमें आपको बेहतरीन से बेहतरीन शायरी स्टेटस पढ़ने के लिए मिलेगा. शायरी गुरु एक प्रकार का गुरु को अपने दिल की बात बताने के लिए इस शायरी का उपयोग कर सकते हैं.

गुरु के लिए शायरी आपको जरूरत पड़ती होगी शिक्षक दिवस पर उन्हें शुभकामनाएं देने के लिए या फिर गुरु और शिष्य के बीच प्यार जताने के लिए साईं गुरु की जरूरत पड़ती है. इसलिए हमने इस पोस्ट में गुरु और शिष्य बीच की प्यार को हमने शायरी के माध्यम से इस पोस्ट में शायरी गुरु शेयर किया है.

Shayari guru

गुरु की महिमा का क्या मैं बखाना करू
गुरु ही है मेरा ईश्वर है इस सच को मैं स्वीकार करू
बिन गुरु जीवन में तम ही तम छाया है
गुरु हैं मेरा सूर्य जो सच्चे राह पर चलना सिखाया है

रोशनी बनकर आए जो हमारी जिंदगी में
ऐसे गुरुओ को मैं प्रणाम करता हूँ
जमीन से आसमान तक पहुँचाने का रखते है जो हुनर
ऐसे शिक्षक को मैं दिल से सलाम करता हूँ

गुरू की वाणी मे थोडी़ कड़वाहट जरूर होती है कितुं
शिष्य को मिठास का मतलब समझाती है।
सारी उमर जिनकी गलतीयां ढूढतें रहे क्या मालूम था,
वो हमें हमारी खूबियों से अन्तगतृ करवाऐगें।

मस्तिष्क का कोना-कोना ज्ञान से रिक्त था
हृदय का कतरा-कतरा भाव से रहित था
नमन कोटि-कोटि गुरुवर आपको
मुझे ज्ञान-भाव से युक्त कर सार्थक उत्पत्ति बनाया

जुबां से हमेशा जिनकी प्यार पाया है
मेरी कामयाबी के पीछे हमेशा जिनका साया है
अल्फ़ाज़ों के अभाव में, नतमस्तक है मेरी कलम
ऐसे गुरुयों के आगे, जिन्होंने मेरा परिचय खुदा से कराया है

बिन गुरु ज्ञान नहीं,
बिन ज्ञान समाज में मान नहीं…

क्या दूँ गुरु-दक्षिणा, मन ही मन मैं सोचूं
चुका न पाऊं ऋण मैं तेरा
अगर जीवन भी अपना दे दूँ

उन मास्टरों को भी नमन जो हमें बातें
करने पर कूट देते थे लेकिन जब दो
कन्याएँ बातें करतीं तो बड़े प्यार से कहते
क्या बातें हो रही हैं? हमें भी तो बताओ

आपने सिखाया है
खुली आंखों से देखे हुए
वो ख्वाब भी सच हो सकते है
किसी की जुबान से निकले
सारे अल्फाज भी सच हो सकते है

जिससे सिखा, जिसने सिखाया..
आगे बढ़ना, गिरते संभलना..
राह में थक कर रुक ना जाना,
आगे बढ़ना और मंजिल को छूना..

गुरु की उर्जा सूर्य-सी, अम्बर-सा विस्तार,
गुरूदेव की गरिमा से बड़ा, नहीं कहीं आकार,
गुरु का सद्सान्निध्य ही,जग में हैं उपहार,
प्रस्तर को क्षण-क्षण गढ़े, मूरत हो तैयार…

गुरू की वाणी मे थोडी़ कड़वाहट जरूर होती है कितुं
शिष्य को मिठास का मतलब समझाती है।
सारी उमर जिनकी गलतीयां ढूढतें रहे क्या मालूम था,
वो हमें हमारी खूबियों से अन्तगतृ करवाऐगें।

गुरु को इस संसार में
मिला सबसे ऊँचा स्थान
इसकी कृपा दृष्टि से ही
सुन्दर बना सारा जहान

आपने सिखाया है
खुली आंखों से देखे हुए
वो ख्वाब भी सच हो सकते है
किसी की जुबान से निकले
सारे अल्फाज भी सच हो सकते है

मुझे पढ़ना-लिखना सिखाने के लिए धन्यवाद,
सही-गलत की पहचान सिखाने के लिए धन्यवाद,
मुझे बड़े सपने देखने और आकाश को चूमने का साहस देने के लिए धन्यवाद,
मेरा मित्र, गुरु और प्रकाश बनने के लिए धन्यवाद…

भगवान ने दी ज़िंदगी, माता-पिता ने दिया प्यार,
लेकिन ज़िंदगी की राह पर चलना सिखाने के लिए,
अपने गुरु का हूँ मैं शुक्रगुज़ार…

सही क्या है गलत क्या है ये सबक पढ़ाते हैं आप,
झूठ क्या है और सच क्या ये बात समझाते हैं आप,
जब सूझता नहीं कुछ भी राहों को सरल बनाते हैं आप…

सत्य – न्याय की राह पर चलना शिक्षक हमें सिखाते हैं,
जीवन संघर्षों से लड़ना शिक्षक हमें सिखाते हैं,
कोटि – कोटि नमन है उस गुरु को,
जो जीवन को जीना हमें सिखाते हैं

नहीं हैं शब्द कैसे करूँ धन्यवाद,
बस चाहिए हर पल सबका आशीर्वाद,
हूँ आज मैं जहाँ उसमे है बड़ा योगदान आप सबका,
जिन्होंने दिया मुझे शिक्षा का ज्ञान…

गुमनामी के अंधेरे में था
पहचान बना दिया
दुनिया के गम से मुझे
अनजान बना दिया
उनकी ऐसी कृपा हुई
गुरु ने मुझे एक अच्छा
इंसान बना दिया

किसी ज्ञानी व्यक्ति को अपना
सम्मान देने में और गुरु बनाने में जरा
भी संकोच ना करे। क्योंकि वो आपको
कुछ ना कुछ ज्ञान जरूर देगा जो कि
अनमोल होगा।

धुल थे हम सभी आसमां बन गये,
चाँद का नूर ले कहकंशा बन गये,
ऐसे सर को भला कैसे कर दे विदा,
जिनकी शिक्षा से हम क्या से क्या बन गये।

हृदय से वंदन करते हैं हम
हे परम् पूज्य गुरुवर ज्ञानी
कोई भूल हुई तो माफ़ करो
हम सब हैं बालक अज्ञानी
जीवन सफल हुआ हमारा
सानिध्य आपका पाकर
अपने श्री चरण हमारे
रख दो मस्तक पर लाकर ।।

जिनके संरक्षण में हम
विद्या अध्ययन करते हैं शुरू
वो हैं जीवन के पथ प्रदर्शक
हमारे परम् पूज्य गुरु ।।
वेदप्रकाश वेदांत

गुरुवर की महिमा निराली है
उनका मन चंदन की डाली है
हम फूल हैं उनके उपवन के
वो इस उपवन के माली हैं ।।
वेद प्रकाश वेदांत

हर युग हर सदी में गुरू के आगे
शिष्य अपना सिर झुकायेगा,
गुरू का सम्मान करने वाला
सफलता का शिखर पायेगा।

गुरुर की महिमा का क्या मैं बखाना करू
गुरु ही है मेरा ईश्वर है इस सच को में स्वीकार करू
बिना गुरु जीवन में ही तम छाया है
गुरु है मेरा सूर्य जो सच्चे राह पर चलना सिखाया ह

गुमनामी के अँधेरे में था पहचान बना दिया,
दुनिया के गम से मुझे अनजान बना दिया ,
उनकी ऐसी कृपा हुई
गुरु ने मुझे एक अच्छा इंसान बना दिया ”

नॉलेज कितना है जरूरी
गुरु से यह तुम जान लो
कुछ नहीं तुम ज्ञान बिना
अपनी कीमत पहचान लो

अज्ञानता ना जाने कितने
मुसीबतों को जिंदगी में लाती है,
गुरू ज्ञान रूपी तलवार उन
मुसीबतों को चीर डालती है।

गुरु की कोई उम्र नहीं होती
अगर आप अपने से छोटी उम्र के
व्यक्ति से भी कुछ सीखते है
तो वह आपका गुरु है।

जिससे सिखा, जिसने सिखाया..
आगे बढ़ना, गिरते संभलना..
राह में थक कर रुक ना जाना,
आगे बढ़ना और मंजिल को छूना..

मेरा पढ़ाई में मन नहीं लगता क्या करूं

गुरु आपका भविष्य लिखने की कोशिश करता है,
आप गुरु के लिए कैसे कुछ लिख सकते हैं !!?

पूज्य गुरु जी ने ऐसा ज्ञान दिया,
मानो ईश्वर ने कोई वरदान दिया।

बन्द हो जाएँ सब दरवाजे, नया रास्ता दिखाते हैं गुरु,
सिर्फ किताबी ज्ञान नही, जीवन जीना सिखाते हैं गुरू.

गुरू कृपा होती है तो कोई हरा नहीं पाता है,
मुसीबत कितना भी बड़ा हो डरा नहीं पाता है।

जिसे देता हैं हर व्यक्ति सम्मान, जो करता हैं वीरों का निर्माण,
जो बनाता हैं इंसान को इंसान, ऐसे गुरु को हम करते हैं प्रणाम.

जीवन के हर मोड़ पर
राह दिखाए हमें गुरु
लेकर वहीँ से प्रेरणा
काम फिर हो जाता शुरू

हर काम आसान हो जाता है,
जब सच्चे शिक्षक का सनिध्य मिलता है,
फिर चाहे कितने ही आये जीवन में उतार-चढ़ाव,
शिक्षक के चरणों में ही मिलता है ठहराव।

गुरू कृपा से ही जीवन में प्रकाश मिलता है,
जिंदगी में सफलता का आकाश मिलता है।

परम पूज्य गुरू जी आप ही मेरे जीवन के सार है,
मेरे हर सफलता और प्रसिद्धि के आधार है.

गुरुर तो होना था उनको हमारी दोस्ती की शिद्दत देख कर
मगर वो अपनी कद्र की सोच में हमारी कीमत ही भूल गये !

पूज्य गुरु जी ने ऐसा ज्ञान दिया,
मानो ईश्वर ने कोई वरदान दिया।

गुरुर ना कर तू अपनी शख्सियत का,
मेरा भी ख़ाक होना है तेरा भी ख़ाक होना है…

मां से बड़ा कोई गुरु नही देखा मेने
और मेरी लफ्जो में इतनी ताकत कहा की में मां
के लिए लिखूं मां ने तो खुद मुझे लिखा है ।।

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